Aaj Ka Has Parihas---
आया मौसम ठंडी का
आया मौसम ठंडी का
(Hindi Poem 01/035)
बच्चे प्यारे मित्र हमारे
वो तो मेरा स्वागत करते
लेकर बल्ला बैट फील्ड में
पढ़ने से वो दूर हैं रहते
जितनी खुशियां मुझसे लेते
करूं मैं उनसे प्यार
आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचें गायें
आया मौसम ठंडी का I1I
पढ़ने से वो दूर हैं रहते
जितनी खुशियां मुझसे लेते
करूं मैं उनसे प्यार
आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचें गायें
आया मौसम ठंडी का I1I
बढ़े-बड़े बुजुर्ग हमारे,
दिन भर बिस्तर में वो रहते,
खाली करते चाय के प्याले
फिर भी रहते मुझसे डरते ,
पता नहीं क्या करते रहते,
रखे रजाई साथ में सोचें
आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचें गायें
आया मौसम ठंडी का I2I
देखो जवान लगे मेरे भाई,
दिन भर चाट पकोड़ी खाते
दिनभर घूंमें इधर उधर
एक दूजे से नजर मिलाते ,
चुपके- चुपके से मुस्काते
फिर भी करे बदनाम मुझे
आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचें गायें
आया मौसम ठंडी काI3I
मुझसे है बाजार की रौनक ,
लगता जैसे चांद है उतरा ,
खूबसूरत चेहरों को देखो ,
दूल्हा चला बांध के सहरा,
चौकीदार भी आग से तापे,
छोड़ के अपना रात का पहरा
अच्छे बुरे या गूंगे-बहरा
करूं मैं सबसे प्यार,
है आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचेंगे गायें
आया मौसम ठंडी का I4I
कभी हाथ जाते हैं अंदर ,
प्रेम की आंहे बाहें भरते ,
बने हैं एक दूजे के लिए
वादे झूठे दिनभर करते
खाने-पीने प्रेम के चक्कर,
उनकी दिन भर राहें तकते ,
काम में हम आलस हैं लाते ,
बैठे-बैठे हम ना थकते,
दाँत हमारे किट-किट करते ,
नाक से म्यूज़िक बजते रहते
शरीर हुआ सुर ताल हमारा
है आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचेंगे गायें
आया मौसम ठंडी का
मेरा तो अंदाज निराला, I5I
मेरा मौसम है प्रेम अनूठा ,
गाना बजाना पिकनिक जाना,
खुशी का है झरना फूटा
करे ना मुझसे प्यार शख्स वो,
देखो है बिलकुल झूठा ,
रहे थिरकते बदन हमारे ,
है आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचेंगे गायें
आया मौसम ठंडी का I6I
( अर्चना & राज)
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