Monday, 14 December 2015

044-भगवान का नाम, लेते रहो सुबह शांम, बनेगें तेरे बिगड़े काम (HindiPoem-M028/00683)





भगवान का नाम, लेते रहो सुबह शांम, बनेगें तेरे बिगड़े काम
(HindiPoem-M028/00683)

ओ साँवरिया ,
मैं बाबरिया
दर्-2 भटकूँ ,
पल-2तरसूँ ,
मिले ना मुझको,
तेरी नगरिया ,
कहाँ छिपा,
ओ नन्दलाला,
गोपाला ,
मुरली वाले,
माखन चोर ,
बांके बिहारी"
ओ ग्वाला,
दूंढू तुझको ,
मैं बाबरियाँ 

I1I
ये तन्हाई
मेरी बिबाई,
दर्द से पीड़ा,
ठोकर खाई,
मिला ना मुझको ,
ढूंढ़ा तुझको ,
कहाँ छिपा,
ओ मुरली वाला ,
माधव ,
कृष्णा,
मधुसूदन ,
ओ सॉवरिया,
कृष्ण कन्हैयया
मुरली बजैय या,
गोविन्दा
गोपाला ,
ओ नन्दलाला,
दूंढू तुझको ,
मैं बाबरियाँ

I2I
अब तो ले लो ,
मेरी खबरिया ,
तेरी नजरिया,
बन जाये,
मेरी डगरिया
ओ मधुसूदन ,
माधव ,
कृष्णा,
मुरली वाले,
माखन चोर ,
बांके बिहारी"
द्वारिकाधीश,
दो हमको तुम ,
अब आशीष,
डगर -2 पे ,
नगर -2 में ,
कहाँ छिपा
ओ साँवरिया ,
मैं बाबरिया

I3I
दर्-2 भटकूँ ,
पल-2तरसूँ ,
मिले ना मुझको,
ओ साँवरिया
कृष्ण कन्हैयया
मुरली बजैयया,
गोविन्दा
गोपाला ,
ओ नन्दलाला,

I4I
( अर्चना & राज)

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