Thursday, 10 December 2015

042--कुत्ता ! पर वफादार होता है (Hindi Poem-L-038/00641)




कुत्ता  ! पर वफादार होता है


पति पत्नी के बीच लड़ाई ,
न्यूज एन० सी०आर० से आई ,
पति का दोस्त कुत्ता घर पे ,
सहन किया ना ये लड़ाई I 1I

एक ईशारा मालिक से पाया,
 काट लिया घरवाली को,
 बेहतर समझा घर से जाना,
 ढूढ़ रहा वो गली गली को I2I

झटपट बीबी रपट लिखाई ,
पुलिस पकड़ने कुत्ता आई,
पता चला ना उस कुत्ते का ,
जगह-2 हुई उसकी ढूढ़वाई I3I

अखबारों में विज्ञापन छापे,
 तलाश बढी अपराधी की ,
क्रेडिट किसके नाम रहेगा,
 मच गई इस की आपाधापी I4I

नियम काूनन और कायदे ,
झूठे हों या सच्चे वायदे ,
जनता को बतलाये जाते,
 मिलते स्वयं को ज्यादा फायदे I5I

कुत्ता तो कुत्ता होता है ,
वफादारी का गुण है उसमें ,
जिसका खाता उसे निभाता,
 जज्वॉ कुर्बानी का उसमें I6I

तकलीफ बढ़ाते पुलिस को ज्यादा ,
अपनी रैकिंग साख बढ़ाते,
 झूठ -मूठ के नाटक ज्यादा,
 लोगों को आपस में लड़ाते I7I

टीवी है बीबी के पास,
 न्यूज रखे वो अपने पास ,
कन्फ्यूजन जब होता है ,
पति का खोती वो विश्वास I8I

जिसको जाना जहां भी जाओ ,
बातों में ना उलझाओ ,
फालतू के मुद्दे  लाकर ,
ध्यान देश का ना भटकाओ I9I

अब आया है नया जमाना,
 पढ़े लिखे है देश के वासी ,
बात गौर से सुनते हैं,
“ कुत्ते की ना होगी तलाशी” I10I

( अर्चना & राज)


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