नववर्ष का पावन अवसर ,
आया है, हम सबके द्वार,
जिन्दादिली है दुनिया की,
हम सजाते अरमानों का हार I1I
तोड़ के जंजीरें सारी ,
सभी प्रेम से अपनाते ,
सुख शातिं समृद्धि सम्मान ,
गीत इन्ही के प्रेम से गाते I2I
लौटा के वक्त न आता दुबारा ,
इतिहास के पन्नों में जाता ,
सीख सभी को देता रहता ,
गीत हार जीत का रहता गाता I3I
जीवन है सौगात सभी को ,
प्रेम शान्ति से कट जाये ,
मेघ गमों के कभी ना छाये ,
आओ! मिल के गीत प्रेम से गायें ,I4I
भारत का इतना हो विकास,
विश्वास भी हम ना कर पायें,
यही आस मन में बैठे,
विश्व गुरू हम बन जायें I5I
2016 उत्तम से सर्वोत्तम ,
गम की घटा कभी ना छाये ,
खुशियों की बारिश हरपल हों,
बस इकदूजे को गले लगायें I6I
With all the best wishes from:-
(अर्चना व राज)
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