Friday, 1 January 2016

048-----Happy New Year-2016



नववर्ष का पावन अवसर ,

आया है, हम सबके द्वार,
जिन्दादिली है दुनिया की,
हम सजाते अरमानों का हार I1I


तोड़ के जंजीरें सारी ,
सभी प्रेम से अपनाते ,
सुख शातिं समृद्धि सम्मान ,
गीत इन्ही के प्रेम से गाते I2I

लौटा के वक्त न आता दुबारा ,
इतिहास के पन्नों में जाता ,
सीख सभी को देता रहता ,
गीत हार जीत का रहता गाता I3I

जीवन है सौगात सभी को ,
प्रेम शान्ति से कट जाये ,
मेघ गमों के कभी ना छाये ,
आओ! मिल के गीत प्रेम से गायें ,I4I

भारत का इतना हो विकास,
विश्वास भी हम ना कर पायें,
यही आस मन में बैठे,
विश्व गुरू हम बन जायें I5I

2016 उत्तम से सर्वोत्तम ,
गम की घटा कभी ना छाये ,
खुशियों की बारिश हरपल हों,
बस इकदूजे को गले लगायें I6I
With all the best wishes from:-
(अर्चना व राज)

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