Wednesday, 23 December 2015

047-----आया मौसम ठंडी का (Hindi Poem 01/035)





Aaj Ka Has Parihas---
आया मौसम ठंडी का
(Hindi Poem 01/035)
बच्चे प्यारे मित्र हमारे
वो तो मेरा स्वागत करते
लेकर बल्ला बैट फील्ड में
पढ़ने से वो दूर हैं रहते
जितनी खुशियां मुझसे लेते
करूं मैं उनसे प्यार
आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचें गायें
आया मौसम ठंडी का I1I
बढ़े-बड़े बुजुर्ग हमारे,
दिन भर बिस्तर में वो रहते,
खाली करते चाय के प्याले
फिर भी रहते मुझसे डरते ,
पता नहीं क्या करते रहते,
रखे रजाई साथ में सोचें
आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचें गायें
आया मौसम ठंडी का I2I
देखो जवान लगे मेरे भाई,
दिन भर चाट पकोड़ी खाते
दिनभर घूंमें इधर उधर
एक दूजे से नजर मिलाते ,
चुपके- चुपके से मुस्काते
फिर भी करे बदनाम मुझे
आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचें गायें
आया मौसम ठंडी काI3I
मुझसे है बाजार की रौनक ,
लगता जैसे चांद है उतरा ,
खूबसूरत चेहरों को देखो ,
दूल्हा चला बांध के सहरा,
चौकीदार भी आग से तापे,
छोड़ के अपना रात का पहरा
अच्छे बुरे या गूंगे-बहरा
करूं मैं सबसे प्यार,
है आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचेंगे गायें
आया मौसम ठंडी का I4I
कभी हाथ जाते हैं अंदर ,
प्रेम की आंहे बाहें भरते ,
बने हैं एक दूजे के लिए
वादे झूठे दिनभर करते
खाने-पीने प्रेम के चक्कर,
उनकी दिन भर राहें तकते ,
काम में हम आलस हैं लाते ,
बैठे-बैठे हम ना थकते,
दाँत हमारे किट-किट करते ,
नाक से म्यूज़िक बजते रहते
शरीर हुआ सुर ताल हमारा
है आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचेंगे गायें
आया मौसम ठंडी का
मेरा तो अंदाज निराला, I5I
मेरा मौसम है प्रेम अनूठा ,
गाना बजाना पिकनिक जाना,
खुशी का है झरना फूटा
करे ना मुझसे प्यार शख्स वो,
देखो है बिलकुल झूठा ,
रहे थिरकते बदन हमारे ,
है आया मौसम ठंडी का
आओ झूमे नाचेंगे गायें
आया मौसम ठंडी का I6I
( अर्चना & राज)

Tuesday, 22 December 2015

046---आज का हास परिहास-----अम्मा मारेगी जरूर--अम्मा (Hindi Poem---N-010/0718)


आज हम आपको आपकी भूली बिसरी यादों में ले जाते हैं जब हम विद्यार्थी थे अक्सर उस बात से बड़े परेशान रहते थे कि छोटी छोटी बात के लिए आज डांट पड़ेगी
आज का हास परिहास
(N-010/0718)

सारे नियम तोड़ दिए,

बातें अच्छी छोड़ दिए
कहना सबका भूल गए
प्यार करना सीख लिए,
काम धाम सब छोड़ केअपना
प्रेम में पागल बन कर रहना
यही है मेरा बड़ा कसूर
अम्मा मारेगी जरूर 
अम्मा मारेगी जरूर--अम्मा
-----1
बात बोलती ध्यान ना देता 
चुपके-चुपके हंसता रहता 
हो गया हाल बुरा इतना
पागल जैसे दिखते जितना
कहां गया वो मेरा गरुर
अम्मा मारेगी जरूर,
\ अम्मा मारेगी जरूर ------
--{2}
चाय सामने मेरे रखती 
चाय भी ठंडी हो जाती 
मुझको नसीहत दे के जाती
बातें उसकी खो जाती
लौट के आती गुस्सा होती 
जोर से इतना चिल्लाती
छठी का दूध याद दिलाती 
अबे कहां गया तेरा शहूर
अम्मा मारेगी जरूर,
अम्मा मारेगी जरूर-----अम्मा----
-----,I3I
अकल आएगी मुझको कब ,
शादी होगी मेरी जब
परी देश की आएगी 
शहूर मुझे सिखाएगी
प्यारी-प्यारी बातें उसकी ]
बहेंगी मधुर हवाएं जिसकी ]
सीख के उससे होंगे ; हम मशहूर
अबे अम्मा मारेगी जरूर,
अम्मा मारेगी जरूर---अम्मा----
-----,I4I
पहले साल में चंद्रमुखी
दूजे साल सूर्यमुखी
अक्सर ता ज्वालामुखी
अब तो लग ती फूंकी-2
अपनी सूरत ठूकी-2
मित्र पुकारे ; जोरु का गुलाम
अब तो हो गये हम मशहूर 
अबे अम्मा मारेगी जरूर,
अम्मा मारेगी जरूर--------अम्मा--,I4I
अर्चना राज