Monday, 23 November 2015

034-----दुःखी मित्रों के लिए एक आशा की किरण (Hindi Poem-L022/00624)

दुःखी मित्रों के लिए एक आशा की किरण
(Hindi Poem-L022/00624)
याद करो उन पल को यारो,
 आखों में तुम आंसू लाते ,
जीवन तेरा भार बना था ,
थक गये भार उठाते ---01
क्या करना है?
 कैसे करना?
राह मिली ना तुम  को.
लौट के बुद्धु घर को आये
 दुखड़ा सबको बताते ------02
सहज नहीं इस जीवन में,
 दिल मांगे मिल जाता ,
पहले दुखड़ा सभी उठाते,
दुखड़ा इतना सताता
कभी -2 मन करता है,
 नहीं चाहिए मंजिल मुझको ,
पर बिन मंजिल क्या जीवन है,
 कष्ट इसी का पाते -------03
आगे बढ़ना है यारो ,
गुजरे पल को,
 साथ में रखना,
बार -2 तुम को वे पल,
लायेगें-----,
 सही राह पे चलना,
 जो कहता है,
 कहने दो,
 अच्छा दूंढ़ के रखना ,
इस जीवन में वही मिलेगा,
 दिल से जिसको चाहते-----004
( अर्चना & राज)


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