Sunday, 29 November 2015

038- -यर्जुवेद है प्यारा मुझको -Hindi Long Narrative Poem


One day ,I was in discussion with my sister about the Vedas and felt there was the time,when people spoke in praise of them,Max Muller is the best example ,but suddenly the interpolation and twisting with the content happened and These were targeted.Untoward matter was also thrust-ed in and no doubt some selfish people also played with the spirit.
Further more,Col.Will Du Wrath in espionage with Macaulay was the first of believing that India can be weakened, only when Vedas and other scriptures are under attack and people deprived of their studies and till now that work is on.
The last emperor Bahadur Shah Jafar was hungry and he wanted food .When requested to the English people,He was served with heads of his own sons and secondly,When thirsty,he was served with urination,and when wanted to be died -buried in india ,he was sent to Rangoon .The pages of the history speak this way,But instead of holding the real culprits guilty,we are against one another in the matters of religion and in the matters related to caste ism.Besides,certain paid agents also show their faces as if they were our custodian.
I studied Yajurveda and want to share with you ,For I feel when the content talks of the welfare of whole humanity,How can we be deprived of their studies.Let us pray to Almighty Krishna to guide our way on the pious and of baba Gorakhnath and enable us understand at least one stanza in a week---
--यर्जुवेद है प्यारा मुझको ,
ठाणे बैठे क्या करें ,
शुरू करें कुछ काम,
शुरू करें वेदाध्ययन,
लेके गोरखनाथ का नाम,(Taken)
I1I
To All friends,
सबसे पहले ऋणी आपके ,
स्वयं को हमने जाना है
प्रभु दिये गीतों की शक्ति ,
साथ आपके पहचाना है
I2I
Background-
शिक्षा दीक्षा वेदों की,
दूर कभी ना दिल से जाये ,
अच्छा जो मिलता जाये,
प्रेम से उसे गले लगायें
I3I
दुनिया दीवानी वेदों की ,
गति धीमी ना होने पाये,
अन्दर छिपा ज्ञान- विज्ञान ,
आओ इसको समझते जायें
I4I
भावना दिल में अच्छी हो,
बुरा कभी सपना ना आये ,
भला हो हर इंशा का,
धरा स्वर्ग जैसी बन जाये ,
I5I
Conspiracy-
बहकाया हम को खूब लड़ाया,
ज्ञान को ऐसे बाँट दिया
बिन कारन के बदले,
अच्छा -2 छाँट दिया
I6I
My Liking Ist
यर्जुवेद है प्यारा मुझको ,
पहले शुरू करें इसको ,
हर प्राणी का हो विकास,
मिले यही कामना सबको
I7I
rest next day
अर्चना वराज

Thursday, 26 November 2015

037--Wah ! Birds Enjoying in the Morning

036--धन्यवाद के पात्र हैं(Hindi Poem-l/034/00637)





मेला सबसे बड़ा लगा था ,
महका दिया चमन शहर का,
 रंगबिरगे फूलों का आना,
 झूम उठे पल; हर पहर का I1I
 ठहर -2 सा शहर गया था,
 खो गया इतना खेल -2 में,
 प्रेम शान्ति का महान सन्देश ,
शहर पा गया खेल -2 में I2I
किसी ने जम के ताकत झौकी ,
किसी ने धावक बन दौड़ा ,
किसी ने ऊंची कूदी दीवार ,
किसी ने  उपलब्धि से जोड़ा I3I
रिकार्ड बनाये ,रिकार्ड तोड़े,
 जोश में होश नहीं खोया,
 बनारस की धाक के आगे ,
जगा शहर जो था सोया I4I
 सुबह सांय हमने देखा ,
महनत सबका साथी बनी ,
सोते ,जगते ,चलते-2,
 मिले सफलता बात ठनी I5I
सोने का वक्त ना था ,
अद्भूत अलग नजारा ,
सहयोग मिला इतना ज्यादा,
 इकदूजे का बने सहारा I6I
धन्यवाद के  पात्र हैं वे,सब ,
दिन रात लगे कल को बनाने ,
संरक्षण उत्तम सर्वोत्तम,
 सूरज चमका फिजा बताने I7I
 संचालन आयोजन गठबन्धन ,
सहयोग समर्पण  अर्पण ,
एमएसआई दीप जला ,
राह दिखाया इनका दर्पण I8I
आज के दौर में भी,
 सितारे चमकते हैं ,
राह दिखाते, सफल बनाते ,
ताज भी इनसे सजते हैं I9I
धन्यवाद के  पात्र हैं वे सब ,
नमन है उनको हर पल ,
अपना सबकुछ दाब लगाते ,
आज सौंपते ,बनते कल I10I


( अर्चना & राज)

Tuesday, 24 November 2015

035------Life Pensive--069

--------------------I want to share with you a long and narrative poem based on a story as narrated ,and Ideas taken from Milton's Paradise Lost and Tulsidas Ramayan -----A combination of old with new-------------------COMPOSED WHEN STUDYING IN  PG (English)
001------------------
In the Eden (Heaven) of God,
There went one day !
A Devil of ill-fate,
With something to say !!


002-----------------
 'Oh ! God so sad am I,
In the Hell y sent !
I want there no more ,

He repent n repent !!

003-----------------
 Life in Hell;
That 's broken me !
I want no more ,
There alive to be !!

004-----------------
A vision of Hell,
Sad makes me now !
"A sordid seat of Living,
Did I suffer how !!”

005----------------
Love, Good 'n' truth,
With all I can !
Let me preach
Among the men !!

006---------------
Of Evil ,sin or ill-human !,
Oh! God Spare me !
I be thy ( devotee or) slave ,
Sobbing said he !!
God asked him to come tomorrow ,Decision pending


-------------------------------------------------------------------------------------------------------------
As promised, The Devil reappeared with a request to God, Next day---

007-----------
Come again ,come again,
God promised him, !
Never lose patience,
Come with vigor n vim !!

008----------
Justice delayed ,is justice denied,
Sobbing said he !
I may wait for days n days,
But let it be !!

009----------
Tears dropping his eyes,
When Almighty found !
Full of pity ?//?? ,
Possessed His mind !!

010----------
You are free to Go,
With men to start !
All Good be preached,
“Avoid impious art !!”

011---------
And he appears on earth,
With vigor n vim !
To do all that,
He promised Him !!


Part-II----When He comes to Earth ,unfortunately, the place he touches in Syria------

And he appears on Earth,
With vigor and vim,
To accomplish all,
He promised Him.12

The changed state ,

He w'd hail ,
As thought to enjoy,
Peace that prevail.13

Alas !what he thought 

Was quite untrue ,
What saw on earth,
Opposed his view.14

So sad he was,

When went there again,
"Said, I did my best,
But all in vain .15

I wished to do,

But none paid heed,
For power & pelf,
Alas! saw their greed.16

"It's Spider web,

Millions of men involved,
Being sucked--------,
Till the last drop of blood."  17(Quoted  from outside)

Weapons of mass destruction,

Every day they use 'n' make
Quench their thirst of blood ,
Speaking in Thy name.18

It's a dreadful spot,

With ruin 'n' riot,
To win Glory false,
Men with men fight.19
They show and spread,
The Love you have to all
But beget hate & atrocity,
This is their role –20

Everyday, full of blood,
Seen the earth spread with,
Throats cut and bloodshed,
Spread Thy false myth-21

Burn alive humanity crying,
None may be More bad ,
Man thy best creation,
Makes all but depressed & sad-22

Worst than Hell on Earth,
There ,I saw their life,
Dying of hunger ,violence,
Really an endless  strife-23

Bitterly weeping every now
Tears in their eyes,
Every day people seen,,
Heart broken with the cries-24

Peace ,Peace All want,
Efforts also seen done,
Failures seem their plight,
Come in between the Gun-25

Where shall they go,
Uncertain I saw all,
Control them ,O, God,
Or bad ones to call-26



"Men good or bad,
Insecure they are ever,
And oft are being killed,
Without any demur."27(Quoted  from outside)

What they want  for ,
Is power, pelf & position,
Prestige through Violence,
Worsen the situation-28

Men with grief so profound,
Thus speak of life,
Full of loss and pain,
It 's endless strife.29

Life pensive on Earth,
Now do I abhor
Better to be in Hell
But there ! No more !30

Earth deserted me;
Now nothing is mine,
Let me go to Hell,
Ever to fade 'n' pine."31



Monday, 23 November 2015

034-----दुःखी मित्रों के लिए एक आशा की किरण (Hindi Poem-L022/00624)

दुःखी मित्रों के लिए एक आशा की किरण
(Hindi Poem-L022/00624)
याद करो उन पल को यारो,
 आखों में तुम आंसू लाते ,
जीवन तेरा भार बना था ,
थक गये भार उठाते ---01
क्या करना है?
 कैसे करना?
राह मिली ना तुम  को.
लौट के बुद्धु घर को आये
 दुखड़ा सबको बताते ------02
सहज नहीं इस जीवन में,
 दिल मांगे मिल जाता ,
पहले दुखड़ा सभी उठाते,
दुखड़ा इतना सताता
कभी -2 मन करता है,
 नहीं चाहिए मंजिल मुझको ,
पर बिन मंजिल क्या जीवन है,
 कष्ट इसी का पाते -------03
आगे बढ़ना है यारो ,
गुजरे पल को,
 साथ में रखना,
बार -2 तुम को वे पल,
लायेगें-----,
 सही राह पे चलना,
 जो कहता है,
 कहने दो,
 अच्छा दूंढ़ के रखना ,
इस जीवन में वही मिलेगा,
 दिल से जिसको चाहते-----004
( अर्चना & राज)


Monday, 16 November 2015

033----एक शराबी- पिन्नी- नशीली (Hindi Poem-0625) ,

दीवाली के अवसर में मुझे एक शराबी मिला और उसने जो सलाह दी ?-----
आपके सामने है------- ये है दर्द भरी दास्तान ------
एक शराबी- पिन्नी- नशीली
(Hindi Poem-0625) ,
आज का शिक्षा प्रद हास परिहास
अरे ! तुम क्या उजाला दिखाओगे ,
दुनिया में अंधेरा छाया है ,
लगा ली है पिन्नी- नशीली ,
हमने अंधेरा मिटाया है ,
मौज है पिन्नी- नशीली लगाने में ,
नफरत मिट जाती हैं ,
साथ जाम लगाने में ,
बढ़ी दूरियां घट जाती हैं,
ये दुनिया मुसाफिरखाना है ,
ये ना हमारा ठिकाना है ,
फिर क्यों अफसोस करें हम,
नशीली लगायें और मौज करें हम,
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------1
मौका आने का मिलेगा कि ना
गफ्लत में पड़ना हमको ना
भरोसा करना आता नहीं ,
किसी ने की कभी दिलाया, नहीं ,
जब तक है सांस ,
तव तक है आस,
सुबह उठना है ,
गले लगाना है ,
लगा लो पिन्नी- नशीली ,
विन बारिस जमीन गीली ,
पैर फिसल गया है ,
जमीन पै गिर गया है,
किसी ने ना उठा या है,
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------2
अरे !समझाने वाले मिले है इतने,
आसमां में तारे जितने ,
सलाह फ्री में देते हैं ,
जोश से भर देते हैं ,
इनसे काम चलता नहीं ,
धन्धा कोई मिलता नहीं,
चैन से बैठ सकते नहीं ,
पंगा ले सकते नहीं
आप भी आओ,
समझाओ,
या तो गले लगा ओ ,
मेरा घर बस ने दो ,
प्रेम बरस ने दो ,
वरना 30 रूपये थमा ओ,
नापो ,अपने रास्ते जाओ ,
पिन्नी- नशीली मैं हूँ मगाया
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------3
इधर का तनाव ,
उधर का तनाव ,
पैसा बनाते,
हम को लड़ाते,
अपनों को खोयें
किस-2 को रोयें ,
किस-2 को फरियाद करें,
खुशामद, पैसा भरें,
हम ना की किसी को याद करें,
अरमानों को मिटाया है
पिन्नी- नशीली ने गले लगाया है
इसी ने तो दिल से लगाया है,
सबको अपना बनाया है----------------4
------------------hahahheeez! हंस लो दुनिया वालों
(अर्चना व राज)

Tuesday, 10 November 2015

032----Happy Deepawali

  • हैप्पी दीपावली
    सब को हो स्वीकार.
    (Hindi Poem-32)
    खुशियां लेके अपार , 
    आया ये त्यौहार ,
    बार-बार.
    हम करें कामना,
    हैप्पी दीपावली
    सब को हो स्वीकार. ................ 1
    जो भी इच्छा ,
    जो भी कामना,
    अब तक कोई
    रही अधूरी............
    पूरी हो इस बार.
    तुम्हारे घर हो द्वार.
    खुशियों के भंडार.
    बार-बार.
    हम करें कामना
    हैप्पी दीपावली
    सबको हो स्वीकार. ---------------------------------2
    पीछे छूटे मित्र पुराने
    रिश्ते नाते हो या प्यार
    जिसका भी हो इंतजार.
    जो भी रूठूा
    जो भी छूटा
    दिल जिस का है
    जब भी टुटा
    मधुर मिलन की बेला में
    खुशियों के मेला में
    आया ये त्यौहार ,
    मिट जाए,
    नफरत की सब दीवार.
    बार-बार
    हम करें कामना
    हैप्पी दीपावली
    सबको हो स्वीकार ............. 3
    सपने अधूरे ,
    हुये न पूरे
    कष्ट तुम्हारे,
    बुरे भले हो
    जंगे जीती
    या हारे
    इस बार आपके घर द्वारे
    लक्ष्मी जी की कृपा निराल ी
    महके बगिया
    इस दिवाली
    धन दौलत की कमी न हो
    इच्छा पूरी सारी हो
    खुशियों के अश्व पे ,
    हो के सवार.
    संग हमारे मिलके
    गाए बार-बार,
    हैप्पी हैप्पी दीपावली
    सबको हो स्वीकार.
    best wishes from Raj

    Saturday, 7 November 2015

    031----लौट +आ+ना का मतलब ? Hindi Poem/K-044/00596)

    लौट +आ+ना का मतलब ?
    Hindi Poem/K-044/00596)

    करके लड़ाई घर से हम,
    निकले घर से बाहर,
    गुस्से में बोल दिया ,
    मौज करेंगें घर से बाहरI1I


    “लौट +आ+ना “ठीक नहीं ,
    मुझको अच्छा नहीं लगता,
    “लौट +आ+ना” की लगी होड़,
    दिल भी तसल्ली नहीं रखता I2I

    पुरुस्कार कोई दिया नहीं,
    क्रेडिट कभी मिलानहीं,
    हैलो हाय भी सीखी ना,
    टिकने को कोई जगह नहींI3I

    हमें अचानक याद आया ,
    सब को हमने वोट दिया,
    “लौट +आ+ना “ की इसी लहर में,
    हमने भी संकल्प लिया,I3I

    खुल के बोलेगें हम ये ,
    एहसान हमारा कायम है,
    चलो इसी को “लौट +आ+ना “,
    छिपा इसी में दमखम हैI4I

    उहापोह में बैठ थे,
    पीछे से आवाज आई,
    सायं हो गई“लौट +आ+ना “,
    किसने तोड़ी तन्हाईI5I

    बड़े प्रेम से बीबी बोली,
    रात होने वाली है .
    “लौट +आ+ना “,मतलब समझ में अब,
    इसीलिए तो घरवाली है I6I

    बै मतलब की करें लड़ाई ,
    मत तब घर को आना,
    साहित्य पुरोधा कैसे बन गये,
    शब्द का अर्थ भी ना जानाI7I

    कुछ मीठी मीठी बातों से,
    दिल को पहले मोहते थे ,
    पुरुस्कार मिल जाता था,
    तब ये बड़े चहते थे I8I

    जनता मांगे विकास अब ,
    लहर विकास की चारो ओर,
    देश राज्य भी पकड़े तेजी ,
    अब ना मिलेगा इन को ठौरI9I
    ( अर्चना & राज)

    Monday, 2 November 2015

    030-----To Cut a Joke

    एक सोच
     हंसना मना है ?
            नेताजी
    "नेताजी वही सफल हैं,
     आपस में लड़ा दें जनता ,I
    र्शान्त के लिए करें प्रयास,
     फिर बुला के सबकी सुनता" II

    (अर्चना & राज)