आज का हास परिहास.
(चलो साहित्य की गोद में)
मैं, घर से बाजार जा रहा था,…./////…. मेरे आगे ट्रक था…………. जिसपे लिखा था …..” बुरी नजर वाले तरा मुंह काला …”
मैं,सोच या …….एक बात क्यों ?.......पूरी बात नहीं बता रहा है …………चलो ……हम बता दे ----------- पूरी बात ----उत्तर आपको देना है ?
ते रा मुंह काला …”
गाली देता हमको क्यों?,
साला ये ट्रक वाला I1I
इक पल को रुकना हुआ ,
ठाणे करें विचार,
अफ्रीका में होते हम ,
न होता ऐसा अत्याचारI2I
लोग वहां कहते,
----…..” बुरी नजर वाले, -----,
ते रा मुंह गोरा ,
पड़े जबां पे, बड़े -2 ताले ,----I3I
काला पढ़ के खुश हुये ,
सोचा स्वयं को गोरा ,
घर आये सीसे में देखा ,
लगते लुढ़का आलू का बोरा I4I
खोले फेसबुक /गूगल को हम
चेहरे सुन्दर रोज हैं दिखते,
भारत में न कोई काला ,
वरना ट्रकवाले क्यों लिखते ? ,hhhhhhhhaahhheeeeI5I
( अर्चना & राज)
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