The Poems Published here are only for the Entertainment purpose / as a piece of advice ,Romanticism,Realism,Heroic and Spiritualism composed by self on different subjects without aiming at hurting the sense and sensibility of anyone.The WORK IS ORIGINAL ,if anything in the poems resembles to/with others,it will be simply coincidence or human err -----Poetic expression is what Wordsworth writes ,spontaneous overflow of feelings .Hence,an attempt to entertain and spread the viewpoint
Wednesday, 3 December 2014
Sunday, 2 November 2014
-003-----भारत की पहली महिला शहीद, (Kiran Shekhawat is the first woman Martyr of India)000175
जो उम्र है खेलने खाने की,
जिस उम में सपना बुनते हैं
जीवन में आगे बढ़ने की,
हम महारत हासिल करते हैII
एक कदम आगे बढ़कर ,
तूने तो अपनी कुर्बानी दी है
भारत की बेटी किरन ने,
देश को अपनी जवानी दी हैII
इस कुर्बानी पर नतमस्तक,
हम सब भारत वासी है
भारत की पहली महिला शहीद,तुझको देता देश शाबासी हैII
है नमन तुझे इस कुर्बानी पर,
सदा ऋणीं रहेगें हम तेरे
पूर्र्ण करेगें उन सपनों को,
बने धरोहर अब तेरे II
गर्व है तुझ पर भारत की बेटी,
भारत का मस्तक ऊंचा किया,
याद करेगें इस कुर्बानी को,
सिर हिमालय का तूने झुका दियाII
यह बेटी बनी प्रेरणास्रोत सभी की,
तूने धन्य किया उस माटी को,
सदा गर्व करेंगीं पीढ़ी उस पर,
पावन पवित्र किया उस माटी को II
बलिदान तेरा खाली नहीं जायेगा,
इतिहास, को तूने मोड दिया,
भारत की बेटी भी सबसे आगे है
एक नया अध्याय तूने जोड़ दियाII
(अर्चना व राज)
002-------सर्वधर्म समभाव (Hindi PoemD/4/0207) बापू की सेवा With English Translation
(Hindi PoemD/4/0207)
बापू की सेवा
सेवा जमके करो भईया
हम सबको वे आगे लाए I
कष्ट सहे ,पिताजी सारे ,
हमको रख्खा बना दुलारे II1II
आज जहाँ हम बैठे हैं ,
आज जहाँ हम पहुंचे हैं I
इतनी सामर्थ उनमें थी ,
उसी ताकत से पहुंचे हैं II2II
गिला नी मन मेँ कभी न आए
अच्छी शिक्षा उनसे पाए I
भाग्य हमारा साथ मे चलता
बापू के सपनोँ को बुन ता II3II
बने भाग्यहीन हम तो ना
सपने उनके तोडे ना I
त्याग, तपस्या बापू ने की
उनका खून पसीना मंजिल दी II4II
बूढ़े हो गए कमजोर हो गए ,
पिछली यादोँ में वे खो गए I
किसी का कहना हम क्यूँ माने,
दिल से उन की सेवा जानेII5II
जीवन दिशा दे दो हमको ,
सेवा भाव मिले हम सबको II6II
दोहा -----
वृद्धा आश्रम की हमको,
जिसने दी सौगात,
डुबा के डंडा तेल मे
मारो उसको लात,
मेकाले के भक्तो ने,
बिछा दी नई बिसात,
नहीँ मानेंगे , नहीँ मानेंगे ,
चाहें कैसे हो हालात ,
अब्बू, बापू, पिताजी, डैडी, पापा,
कुछ भी बोलो दिन औ रात
जमके करेंगे सेवा उन की,
यही देश की प्यारी बात II
(अर्चना व राज)
The role by Father in our life is of utmost importance,he leaves no stone in giving the best of the facilities to his children ,whether education ,feeding or other things to.Whatever position we occupy in our society speaks of his contribution.His hard work reminds me all the time,Sometimes,some people ciriticise for the failure,but they forget that their work and fate as believed also go with them.Besides,the circumstances also play a great role ,as Thomas Gray in his poem sings ,when he sees the mud/clay-sepulture that these people could also become great ,but because of the adverse circumstances ,they could not reach there where wanted in life.In the name of freedom ,he is neglected.When he is old ,he draws our attention and it becomes our duty to take care of him.We may call him by any name like Abbu,Papa,Dady,Bapu,Pitaji ,but we should also repay our debt ,at the time of his dotage or old age.The concept of Old Men's Home is align to our culture and instead ,we must encourage the service to him in our home itself. (Raj)
Friday, 31 October 2014
00001-कृश्ना कृश्ना हे ! ,कृश्न मुरारी !(Hindi Poem-00001)With English Translation
मेरी पहली!
कविता
कृश्ना कृश्ना
(Hindi Poem/001/R/2013)
पड़ा द्वार
पे तेरे
करता रहता
हूं पुकार
कृश्ना कृश्ना
हे ! ,कृश्न
मुरारी !
तू ही
मेरा भाग्य विधाता,
!!
तुझसे मेरा
गजब का नाता
!
तू ही
दाता, !
मुझे.सिखाता
, !
कहूँ मैं
बारम्बार - बारम्बार !
कृश्ना कृश्ना
,
हे !कृश्न
मुरारी !
छायी छवि
है गजब निराली,
जाता हाथ,
ना कोई खाली.
तुझसे महके
खुशहाली,
करता दूर,तू
,बदहाली
जो भी
आता तेरे, द्वार
कर ता
रहता है पुकार
कृश्ना कृश्ना
हे ! ,कृश्न
मुरारी !
मै तो
निरा निपट निरक्षर.
चलता हूं
अन्जान डगर,
जानू' मै
तो इतना मगर,
गलती होती
होगी अगर
हटेंगे काँटें,
मिलेंगे फूल
तेरे दर्शन
जो भी पाता
कर ता
रहता है पुकार
कृश्ना कृश्ना
हे ! ,कृश्न
मुरारी !
(
राज) Happy Janmastami