Monday, 15 August 2016

56-----बच्चों को मनाना (Hindi Poem-kha/29/1540)



बच्चों को मनाना
(Hindi Poem-kha/29/1540)


बात प्यार से समझों हां,
छोड़ो हमसे लड़ना हां ,
छोटी मोटी बातों पे ,
छोड़ो हमसे भिड़ना हां ,-----
बात तुम्हारी सारी सच्ची ,
लगती प्यारी कितनी अच्छी ,
हमने देखा तुमको ना,
बात बिगड गई अब तो हां ,
छोड़ो गुस्सा प्यार करो,
हमसे भी अब बात करो,
बात विना रह पायेगें ,
तुम,पे,जीना मरना हां
बात प्यार से समझों हां,
छोड़ो हमसे लड़ना हां ,
छोटी मोटी बातों पे ,
छोड़ो हमसे भिड़ना हां –1—
ना समझे जो तुमको हां ,
 सबसे बड़ा है पागल हां ,
मीठी-2 बातें वोलों ,
मुंह में मिश्री अपने घोलो ,
तुमको सैर करायेगें,
दुनिया तुम्हें दिखायेगें,
गुस्सा छोड दो 
अब तो यार,
हमसे तुम भी 
कर लों प्यार ,
नाचती गाती आती हो ,
अच्छी लगती 
जब मुस्काती हो,
आगे अब ना कहना हां,
आगे तुमसे डरना हां
बात प्यार से समझों हां,
छोड़ो हमसे लड़ना हां ,
छोटी मोटी बातों पे ,
छोड़ो हमसे भिड़ना हां —2
सभी को स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें

From Archna and Raj” 

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