सृज (मेरी कविता ) SRAJ (A Collection of My Poems): 57---भाई बहनका पावन पर्व है (Hindi Poem-kha /32/1...: सभी को रक्षाबंधन दिवस की शुभकामनायें भाई बहनका पावन पर्व है (Hindi Poem-kha /32/1543) सुबह स...
The Poems Published here are only for the Entertainment purpose / as a piece of advice ,Romanticism,Realism,Heroic and Spiritualism composed by self on different subjects without aiming at hurting the sense and sensibility of anyone.The WORK IS ORIGINAL ,if anything in the poems resembles to/with others,it will be simply coincidence or human err -----Poetic expression is what Wordsworth writes ,spontaneous overflow of feelings .Hence,an attempt to entertain and spread the viewpoint
Wednesday, 17 August 2016
57---भाई बहनका पावन पर्व है (Hindi Poem-kha /32/1543)
सभी को रक्षाबंधन दिवस की शुभकामनायें
भाई बहनका पावन पर्व है
(Hindi Poem-kha /32/1543)
सुबह सबेरे हंसते -2,
बहना घर पे आई,
हमें देख इतराई इतना,
खुशियां घर मे-छाई,--------1--बहना घर पे आई,
छोड़ के अपना कामधाम ,
जेब देख ली पहले ,
समय साथ ना देता अपना,
दिल भी अपना दहले,
देख नजारा बहना बोली ,
भैय्या ,सावधान !
नहीं चलेगी अब चतुराई------2--बहना घर पे आई,
हंसंते -2 हम बोले,
अरे !लेके बच्चा पर्स को भागा,
जान भी तुझपे न्यौछावरहै,
अनमोल है तेरा ये धागा,
छोटी मोटी बाते पे ,
आे मोटी !क्यों तुमसे करू लड़ाई -3-बहना घर पे आई,
तेरा मीठा मुझको खाना ,
अरे !चुपके-2 जल्दी से दे ना ,
बीवी वरना अा जायेगी ,
शुरू करेगी ;क्लास कों लेना ,
अभी व्यस्त है बातों में ,
होगी वरना मेरी जग हंसाई -3-बहना घर पे आई,
देश हमारा त्यौहारों का,
अनमोल है इसका नजारा,
भाई बहनका पावन पर्व है ,
रहे मुबारक ये सबको प्यारा,
खुशिया दे के ,आंसू रोके,
बहन की करू विदाई-4- बहना घर पे आई,
सभी को रक्षाबंधन दिवस की शुभकामनायें
From Archna and Raj”
Monday, 15 August 2016
56-----बच्चों को मनाना (Hindi Poem-kha/29/1540)
बच्चों को मनाना
(Hindi Poem-kha/29/1540)
बात प्यार से समझों हां,
छोड़ो हमसे लड़ना हां ,
छोटी मोटी बातों पे ,
छोड़ो हमसे भिड़ना हां ,-----
बात तुम्हारी सारी सच्ची ,
लगती प्यारी कितनी अच्छी ,
हमने देखा तुमको ना,
बात बिगड गई अब तो हां ,
छोड़ो गुस्सा प्यार करो,
हमसे भी अब बात करो,
बात विना न रह पायेगें ,
तुम,पे,जीना मरना हां
बात प्यार से समझों हां,
छोड़ो हमसे लड़ना हां ,
छोटी मोटी बातों पे ,
छोड़ो हमसे भिड़ना हां –1—
ना समझे जो तुमको हां ,
सबसे बड़ा है पागल हां ,
मीठी-2 बातें वोलों ,
मुंह में मिश्री अपने घोलो ,
तुमको सैर करायेगें,
दुनिया तुम्हें दिखायेगें,
गुस्सा छोड दो
अब तो यार,
हमसे तुम भी
कर लों प्यार ,
नाचती गाती आती हो ,
अच्छी लगती
जब मुस्काती हो,
आगे अब ना कहना हां,
आगे तुमसे डरना हां
बात प्यार से समझों हां,
छोड़ो हमसे लड़ना हां ,
छोटी मोटी बातों पे ,
छोड़ो हमसे भिड़ना हां —2
सभी को स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें
From Archna and Raj”
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