हिन्दू मुस्लिम के बीच लड़ाई ,
लेके तुम, आये. ,
बात करो तुम मन्दिर की,
बात समझ ना आये ,
हिन्दू मर ता देखते सब,
दो शब्द नहीं निकलते ,
खाेद के खाई बीच में तुमने ;
बात राम की करते,
देश के दुश्मन ने,
घर तेरे ललकारा ,
एक छोटी बात पे उसने ,
डा० नांरग को जान से मारा,
नेता तुम्हारा देखा हंसा ;,
हिन्दू ही तो मरा हैं,
मुंह पे लगा दिया ताला.
अरे मुद्दा, नहीं बड़ा है,
प्रेम से मन्दिर भी ,
लोग यहाँ बनवाते ,
खाई लोगों के बीच ,
यदि तुम नहीं बढ़ाते ,
कोर्ट का निर्णय !
मुस्लिम भाई कहते,
आयेगा हम मानेगें.,
परं कान तुम्हारे पकते,
शब्द राम का मुँह;; से लेना,
शोभा नहीं देता है
ओछी तेरी राजनीति,
राम खुले में रहता है !
अर्चना व राज
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