Monday, 7 March 2016

051----- महाशिवरात्रि की कोटिशः शुभकामनाएँ।(Hindi Poem-Q-34/857)


  महाशिवरात्रि की कोटिशः शुभकामनाएँ
(Hindi Poem-Q-34/857)


ओम नमः शिवाय
द्वारे तेरे   आकर,
 मैं अरज लगाऊं, 
रज को  उठा ऊं,  ,
 तिलक लगा ऊं,,
 लोट मैं जाऊं, 
लूट मैं जाऊं ,
बार-बार मैं गाऊं ,
तुझे सुनाऊं 
तुझे मनाऊं,
 सबको यही सुनाऊं ,
दिल से प्रीत लगा ऊं, 
, जब भी सुनता नाम तेरा, 
मैं ज पता नाम तेरा 
ओम नमः शिवाय
संकट तेरा नाम काटे,
 खुशियां जीवन में बांटे , 
ना पहन खड़ा ऊं , 
नंगे पैरही दौड़ लगाऊं,  
दिल से तुम से प्रीत लगा ऊं,
 छोड़ दिए मैंने अपने  काम, 
जब से लिया तेरा नाम,
 मैं ज पता हूं सुबह शाम ,
द्वारे अपने मुझे बुलाओ,
 दौड़ लगा ऊं,मैं दौड़ा आऊं  
ले केतेरा नाम  ओम नमः शिवाय
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महाशिवरात्रि की कोटिशः शुभकामनाएँ।

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(शिवो भूत्वा शिवम् यजेत्।
शिव बनकर शिव की पूजा करें
भवानीशंकरौ वंदे श्रद्धा विश्वास रूपिणौ।

याभ्याम् बिना पश्यन्ति सिद्धाः स्वांताःस्वस्थमीश्वरं।।)

भगवान महादेव हम सब के जीवन मे शिव तत्व की बृद्धि करें।शिव बनकर शिव का आराधन, पूजन कर शिवत्व को प्राप्त करें
अर्चना राज











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