सृज (मेरी कविता ) SRAJ (A Collection of My Poems): 080--सारे पीछे पड़े हैं तब से ,: सारे पीछे पड़े हैं तब से (Hindi Poem/48/934) मोदी ने कमा न सभाली जबसे , सारे पीछे पड़े हैं तब से , नेता हमारा फौ...
The Poems Published here are only for the Entertainment purpose / as a piece of advice ,Romanticism,Realism,Heroic and Spiritualism composed by self on different subjects without aiming at hurting the sense and sensibility of anyone.The WORK IS ORIGINAL ,if anything in the poems resembles to/with others,it will be simply coincidence or human err -----Poetic expression is what Wordsworth writes ,spontaneous overflow of feelings .Hence,an attempt to entertain and spread the viewpoint
Monday, 22 February 2016
050--सारे पीछे पड़े हैं तब से ,
Who is Modi ?
Congates to all for this
great victory ; land slide----
सारे पीछे पड़े हैं तब से
(Hindi Poem/48/934)
मोदी ने कमान सभाली जबसे ,
सारे पीछे पड़े हैं तब से ,
नेता हमारा फौलादी,
छठी की याद सबको दिला दी --------दिला दी ,
सत्ता से बाहर क्या आए ,
पागल बन सड़कों पे बोरा ए
क्या ड्रामा हो रहा ?
जनता देख पड़ी सोच में कबसे--------(a)
चाय में इतनी ताकत ?
चाय वाला बन गया PM
दूध पी-पी के रोज शाम को ,
नहीं बने हम DM
मजबूती से सबको ऐसे थामें ,
TV पर देख रोज होते हैं हंगामे
हाफिज ,लखवी ,बन गये शांतिदूत ,
अजीब अनोखी इनकी करतूत,
अभिव्यक्ति की नई व्याख्या ?
क्यों पड़ी जरुरत अब से---------(b)
सेंना तैनात सीमा पे ,
आतंक से लोहा लेती,
उसके कारण सभी सुरक्षित ,
वरना बोली नहीं निकलती ,
समय बदला, समझ है बदली ,
बदली देश की किस्मत ,
अब तक जो अंदर था ?,
बया करें वही हकीकत ,
देशद्रोही को अन्दर डालो ,
वरना भिड़ना मुश्किल होगा जनता से(c)
(Archna & Raj)
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